8th Pay Commission : केंद्र सरकार के लगभग 1.15 करोड़ कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए बड़ी खुशखबरी है। सरकार ने आठवें वेतन आयोग की मंजूरी दे दी है, जो 1 जनवरी 2026 से लागू हो सकता है। इससे न केवल वेतन और पेंशन में बढ़ोतरी होगी, बल्कि पूरी वेतन संरचना में बड़े बदलाव आने वाले हैं।
वेतन ढांचे में बड़ा बदलाव
इस आयोग का सबसे बड़ा बदलाव होगा पे-लेवल (वेतन स्तर) की संरचना में। अभी छह पे-लेवल हैं, जिन्हें घटाकर तीन किया जा सकता है। एनसी-जेसीएम (National Council JCM) के सुझाव के अनुसार:
- लेवल 1 और 2 को मिलाकर नया “लेवल A”
- लेवल 3 और 4 को मिलाकर “लेवल B”
- लेवल 5 और 6 को मिलाकर “लेवल C” बनाया जाएगा।
इससे वेतन ढांचा सरल होगा और प्रमोशन की संभावनाएं भी बढ़ेंगी।
निचले स्तर के कर्मचारियों को होगा बड़ा फायदा
पे-लेवल मर्ज होने से खासतौर पर निचले स्तर के कर्मचारियों को फायदा होगा। उदाहरण के लिए, अगर लेवल 1 का मूल वेतन ₹18,000 और लेवल 2 का ₹19,900 है, तो मर्ज होने के बाद लेवल A का शुरुआती वेतन ₹19,900 या उससे अधिक हो सकता है। इससे कर्मचारियों को सीधे 10.5% तक वेतन वृद्धि मिल सकती है।
वेतन बढ़ने के साथ महंगाई भत्ता (DA), HRA और अन्य भत्ते भी बढ़ेंगे, क्योंकि ये सब मूल वेतन के आधार पर तय होते हैं।
पेंशनभोगियों को भी मिलेगा लाभ
जो कर्मचारी रिटायर होने वाले हैं या पेंशन पर हैं, उन्हें भी इस वेतन आयोग से लाभ मिलेगा। क्योंकि पेंशन की गणना अंतिम वेतन के आधार पर होती है, इसलिए नए वेतन ढांचे से पेंशन में भी बढ़ोतरी होगी।
आयोग की प्रक्रिया और टाइमलाइन
सरकार ने 2025 की शुरुआत में इस आयोग को मंजूरी दी है। आयोग को रिपोर्ट तैयार करने और सुझाव देने के लिए कुछ समय दिया गया है। अनुमान है कि इसकी सिफारिशें 2026 से लागू होंगी। तब तक कर्मचारियों को अफवाहों से बचना चाहिए और केवल आधिकारिक जानकारी पर भरोसा करना चाहिए।
अर्थव्यवस्था पर असर
वेतन में वृद्धि से कर्मचारियों की खरीदने की क्षमता बढ़ेगी, जिससे बाजार में मांग बढ़ेगी और व्यापार को रफ्तार मिलेगी। इससे देश की अर्थव्यवस्था को भी फायदा होगा और रोजगार के अवसर पैदा होंगे।
8वां वेतन आयोग न केवल वेतन और पेंशन में वृद्धि का जरिया बनेगा, बल्कि यह सरकारी नौकरी को और भी आकर्षक बनाएगा। कर्मचारियों को सलाह दी जाती है कि वे इस बदलाव की तैयारी करें और इसकी संभावनाओं का सही उपयोग करें।