8th Pay Commission : देश के 1 करोड़ से ज्यादा केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए राहत भरी खबर सामने आई है। आठवें वेतन आयोग की तैयारियों के बीच यह संकेत मिल रहे हैं कि सिर्फ वेतन ही नहीं, बल्कि बीमा सुरक्षा में भी बड़ा बदलाव होने वाला है। सरकार अब कर्मचारियों की दीर्घकालिक सुरक्षा पर ध्यान दे रही है, जिसमें बीमा कवर को मौजूदा समय की जरूरतों के हिसाब से बढ़ाने की योजना बनाई जा रही है।
क्यों जरूरी है बीमा कवर में बदलाव?
अभी तक सरकारी कर्मचारी “केंद्रीय सरकारी कर्मचारी समूह बीमा योजना” (CGEGIS) के तहत बहुत कम बीमा कवर के दायरे में आते हैं। ग्रुप A के अधिकारियों को सिर्फ ₹1.20 लाख तक का बीमा कवर मिलता है, जबकि अन्य ग्रुप के कर्मचारियों को इससे भी कम। आज के दौर में यह रकम ना के बराबर मानी जा सकती है, खासकर जब जीवन यापन और चिकित्सा खर्च तेजी से बढ़ रहे हैं।
यदि किसी कर्मचारी की ड्यूटी के दौरान मौत हो जाए तो उसके परिवार को जो राशि मिलती है, वह परिवार की भविष्य की आर्थिक सुरक्षा के लिए पर्याप्त नहीं है। इसी कारण कर्मचारी संगठन कई सालों से बीमा कवर को बढ़ाने की मांग कर रहे हैं।
कितना बढ़ सकता है बीमा कवर?
सूत्रों के अनुसार, आठवें वेतन आयोग में बीमा कवर को 10 लाख से 15 लाख रुपये तक करने का प्रस्ताव है। यह मौजूदा कवर से लगभग 8 से 12 गुना अधिक होगा। साथ ही, मासिक अंशदान की राशि भी बढ़ाई जा सकती है, ताकि योजना को टिकाऊ और लाभदायक बनाया जा सके।
इस कदम से कर्मचारियों को न सिर्फ नौकरी के दौरान सुरक्षा मिलेगी, बल्कि उनके परिवारों को भी आर्थिक राहत मिलेगी। इससे उनका मनोबल भी बढ़ेगा और भविष्य की अनिश्चितताओं का सामना करने की ताकत मिलेगी।
CGEGIS योजना का इतिहास
यह योजना पहली बार 1 जनवरी 1982 को शुरू की गई थी। शुरुआत में ग्रुप A के कर्मचारियों को ₹80 की मासिक कटौती पर ₹80,000 का बीमा कवर मिलता था। फिर 1990 में इसे बढ़ाकर ₹1.20 लाख कर दिया गया, लेकिन तब से अब तक इसमें कोई बड़ा बदलाव नहीं हुआ, जबकि महंगाई कई गुना बढ़ चुकी है।
सातवें वेतन आयोग की अधूरी सिफारिशें
सातवें वेतन आयोग ने बीमा कवर को बढ़ाकर 15 लाख, 25 लाख और 50 लाख तक करने के तीन विकल्प सुझाए थे, जिनमें अलग-अलग अंशदान तय किए गए थे। लेकिन इन पर अमल नहीं हो सका। अब आठवां वेतन आयोग इस दिशा में दोबारा विचार कर रहा है।
आठवें वेतन आयोग के तहत अगर बीमा कवर में यह सुधार लागू होता है, तो यह केंद्रीय कर्मचारियों के लिए एक बड़ी राहत होगी। यह न सिर्फ उनकी सुरक्षा बढ़ाएगा, बल्कि सरकारी नौकरी को और आकर्षक भी बनाएगा।