Gold Crash Alert : साल 2025 की पहली छमाही में सोने ने निवेशकों को जबरदस्त कमाई कराई है। इस साल जनवरी से अब तक सोने ने 30% से ज्यादा का रिटर्न दिया है, जबकि पूरे 2024 में यह रिटर्न करीब 27% रहा था।
साल की शुरुआत में जहां सोना 75 से 76 हजार रुपये प्रति 10 ग्राम के करीब था, अब इसकी कीमत बढ़कर लगभग 1 लाख रुपये प्रति 10 ग्राम तक पहुंच गई थी।
लेकिन अब बाजार में एक नई हलचल देखने को मिल रही है। लगातार बढ़ती कीमतों के बाद सोने में गिरावट शुरू हो गई है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि यह गिरावट आगे और भी तेज हो सकती है।
19,000 रुपये तक गिर सकता है सोना
एक हालिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि आने वाले 4 से 6 महीनों में सोने की कीमतों में भारी गिरावट हो सकती है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि अगर हालात ऐसे ही बने रहे तो सोना ऑल टाइम हाई यानी 1 लाख रुपये से टूटकर 80,000 से 85,000 रुपये प्रति 10 ग्राम तक आ सकता है। यानी करीब 19,000 रुपये तक की गिरावट संभव है।
ट्रेड वॉर थमने से बदली गोल्ड की चाल
केडिया एडवाइजरी के डायरेक्टर अजय सुरेश केडिया ने बताया कि अमेरिका और चीन के बीच ट्रेड वॉर लंबे समय से चल रहा था, जिस वजह से लोग सुरक्षित निवेश विकल्प के तौर पर गोल्ड में पैसा लगा रहे थे। लेकिन अब ट्रेड वॉर में थोड़ी शांति आई है, जिससे गोल्ड की डिमांड घटने लगी है। जब अंतरराष्ट्रीय बाजार स्थिर होता है तो निवेशक दूसरी जगह पैसा लगाना शुरू कर देते हैं और गोल्ड की चमक कम हो जाती है।
जानिए क्यों आ सकती है गिरावट
सोने की कीमतों में अब तक की तेजी के पीछे कई वजहें थीं:
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अमेरिका, चीन, जापान और जर्मनी जैसे देशों के बीच व्यापारिक तनाव
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महंगाई और ब्याज दरों को लेकर अनिश्चितता
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निवेशकों की गोल्ड में सुरक्षित निवेश के रूप में बढ़ती रुचि
लेकिन अब जैसे-जैसे वैश्विक माहौल सुधर रहा है, निवेशक दूसरी जगह ध्यान दे रहे हैं। इससे गोल्ड की डिमांड में गिरावट आने लगी है।
गिरावट बनी रही तो 80 हजार तक आ सकता है भाव
अजय केडिया के मुताबिक आने वाले दिनों में सोने का भाव 95-98 हजार रुपये से गिरकर 80 से 85 हजार रुपये प्रति 10 ग्राम तक पहुंच सकता है। हालांकि यह पूरी तरह वैश्विक आर्थिक स्थिति और अमेरिकी राष्ट्रपति की नीतियों पर निर्भर करेगा।
निवेशकों को क्या करना चाहिए?
अगर आप गोल्ड में निवेश करना चाहते हैं, तो जल्दबाजी से बचें। फिलहाल बाजार अस्थिर है और एक्सपर्ट्स भी कीमतों में गिरावट की भविष्यवाणी कर रहे हैं। ऐसे में इंतजार करना एक बेहतर रणनीति हो सकती है।