सिर्फ रजिस्ट्री से नहीं बनते मालिक! रजिस्ट्री के साथ ये दस्तावेज है जरुरी – Documents For Property Rights

By Prerna Gupta

Published On:

Documents for property rights

Documents For Property Rights : आज के दौर में हर इंसान का सपना होता है कि उसका अपना घर या जमीन हो। लोग सालों की कमाई लगाकर प्रॉपर्टी खरीदते हैं और सोचते हैं कि रजिस्ट्री हो गई तो अब वो मालिक बन गए। लेकिन क्या सिर्फ रजिस्ट्री से आप जमीन या मकान के मालिक बन जाते हैं? जवाब है – नहीं।

असल में, रजिस्ट्री सिर्फ एक कदम है, मालिक बनने की पूरी प्रक्रिया नहीं। असली मालिकाना हक पाने के लिए आपको कई जरूरी दस्तावेज जुटाने होते हैं, जिनकी मदद से आप कानूनी रूप से अपनी प्रॉपर्टी का दावा कर सकते हैं।

रजिस्ट्री होती क्या है?

रजिस्ट्री वह प्रक्रिया है जिसमें आप प्रॉपर्टी खरीदने के बाद उसे सरकारी रिकॉर्ड में दर्ज करवाते हैं। यह काम सब-रजिस्ट्रार ऑफिस में होता है। लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि अब आप मालिक हैं। इसके बाद कई दस्तावेज और जरूरी होते हैं।

यह भी पढ़े:
Cibil score CIBIL Score सुधरते ही मिल सकता है सस्ता लोन, आज से शुरू करें ये 5 काम!

किन दस्तावेजों से साबित होता है असली मालिकाना हक?

सेल डीड (Sale Deed) : यह सबसे अहम दस्तावेज है जो बताता है कि प्रॉपर्टी आपके नाम ट्रांसफर हुई है। इसे रजिस्ट्रार ऑफिस में रजिस्टर्ड करवाना अनिवार्य है।

टाइटल डीड (Title Deed) : इससे यह साबित होता है कि प्रॉपर्टी पर आपका वैध हक है। इसमें प्रॉपर्टी का इतिहास और पिछले मालिकों की जानकारी होती है।

एन्कमब्रेंस सर्टिफिकेट (Encumbrance Certificate) : यह बताता है कि प्रॉपर्टी पर कोई लोन, कर्ज या कानूनी विवाद नहीं है। लोन या बिक्री के समय यह ज़रूरी होता है।

यह भी पढ़े:
Ration card alert सरकार का नया ऐलान, राशन कार्डधारकों के लिए बानी मुसीबत – Ration Card Alert

खाता सर्टिफिकेट और म्युटेशन सर्टिफिकेट : ये दस्तावेज बताते हैं कि आपने प्रॉपर्टी का नाम सरकारी रिकॉर्ड में बदलवा लिया है। ये स्थानीय निकाय से प्राप्त होते हैं।

प्रॉपर्टी टैक्स रसीदें : ये दिखाती हैं कि आपने सारे टैक्स समय पर भरे हैं। टैक्स बाकी हो तो कानूनी दिक्कतें आ सकती हैं।

कम्प्लीशन और ऑक्यूपेंसी सर्टिफिकेट : अगर घर नया बना है तो यह प्रमाणपत्र जरूरी होते हैं ताकि ये साबित हो सके कि निर्माण पूरा हुआ और रहने लायक है।

यह भी पढ़े:
Airtel New Recharge Plan Airtel ने लॉन्च किए धाकड़ ऑफर! अब कॉलिंग हो या डेटा, हर जरूरत का हल एक क्लिक में!

पजेशन लेटर : यह बिल्डर या पिछले मालिक से मिलता है जिसमें बताया जाता है कि प्रॉपर्टी आपको सौंप दी गई है।

क्या सिर्फ रजिस्ट्री से काम चल जाएगा?

नहीं। अगर आपके पास बाकी दस्तावेज नहीं हैं, तो भविष्य में लोन, कोर्ट केस या विरासत के मामलों में आपको समस्याएं आ सकती हैं। सिर्फ रजिस्ट्री से आप “कानूनी मालिक” नहीं बनते, ये सारे दस्तावेज एक साथ मिलकर आपको असली मालिक बनाते हैं।

सावधानी जरूरी है!

  • प्रॉपर्टी खरीदने से पहले दस्तावेजों की जांच कराएं।
  • म्युटेशन और खाता सर्टिफिकेट बनवाना न भूलें।
  • समय पर टैक्स भरें और सभी दस्तावेज सुरक्षित रखें।

अब जब भी आप प्रॉपर्टी खरीदने जाएं, तो सिर्फ रजिस्ट्री पर भरोसा न करें। पूरे दस्तावेज़ों की जांच करके ही खुद को मालिक मानें।

यह भी पढ़े:
Wife property rights पति की खानदानी प्रोपर्टी में पत्नी की कितनी हिस्सेदारी, जानिए क्या कहता है कानून – Wife Property Rights

Leave a Comment