NCTE BED Course : शिक्षक बनने की तैयारी कर रहे युवाओं के लिए एक बड़ी और अहम खबर सामने आई है। राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (NCTE) ने B.Ed कोर्स में बड़ा बदलाव करते हुए घोषणा की है कि साल 2026-27 से B.Ed का नया 1 वर्षीय कोर्स शुरू किया जाएगा। यह कोर्स केवल उन उम्मीदवारों के लिए होगा जिन्होंने पहले से चार वर्षीय इंटीग्रेटेड डिग्री पूरी कर ली हो।
कौन कर सकेगा 1 साल वाला B.Ed?
जो छात्र BA-B.Ed, BSc-B.Ed या BCom-B.Ed जैसे चार वर्षीय एकीकृत कोर्स कर चुके हैं, वे अब केवल 1 साल में B.Ed की डिग्री ले सकेंगे। इससे समय बचेगा और योग्य उम्मीदवार जल्दी शिक्षक बन पाएंगे।
वहीं, जो छात्र सामान्य तीन साल की ग्रेजुएशन (BA, BSc, BCom आदि) कर चुके हैं, उन्हें पहले की तरह 2 वर्षीय B.Ed ही करना होगा।
अब सभी कॉलेज नहीं करा सकेंगे B.Ed
अब केवल वही संस्थान B.Ed कोर्स चला सकेंगे जो मल्टी-डिसिप्लिनरी यानी बहुविषयक होंगे। यानी ऐसे संस्थान जहां सिर्फ B.Ed नहीं, बल्कि अन्य कोर्स भी पढ़ाए जाते हैं। इससे छात्रों को विविध विषयों का माहौल मिलेगा और बेहतर ट्रेनिंग दी जा सकेगी।
प्रवेश कैसे मिलेगा?
B.Ed कोर्स में दाखिला लेने के लिए उम्मीदवार के पास स्नातक या स्नातकोत्तर में कम से कम 50% अंक होने चाहिए। SC/ST वर्ग के लिए इसमें 5% की छूट दी जाएगी। इसके अलावा, सभी उम्मीदवारों को NTA (नेशनल टेस्टिंग एजेंसी) द्वारा आयोजित प्रवेश परीक्षा पास करनी होगी।
क्या पढ़ाया जाएगा नए B.Ed कोर्स में?
नया कोर्स सिर्फ शिक्षण तक सीमित नहीं रहेगा। इसमें कई आधुनिक विषय भी जोड़े जाएंगे जैसे:
- कक्षा प्रबंधन
- मूल्यांकन की प्रक्रिया
- स्कूलों में प्रशिक्षण
- नैतिक शिक्षा
- शिक्षण की नवीन विधियाँ
इसका मकसद है कि शिक्षक सिर्फ विषय विशेषज्ञ न हों, बल्कि समग्र शिक्षा प्रणाली में दक्ष और जिम्मेदार बनें।
M.Ed कोर्स में भी बदलाव
अब M.Ed यानी मास्टर ऑफ एजुकेशन भी 1 साल का हो गया है। इस बदलाव से वे शिक्षक जो करियर में आगे बढ़ना चाहते हैं, उन्हें शिक्षा नीति, प्रशासन, रिसर्च और पाठ्यक्रम निर्माण में आगे बढ़ने के अवसर मिलेंगे।
ITEP: भविष्य का शिक्षक प्रशिक्षण
NCTE अब चार वर्षीय इंटीग्रेटेड टीचर एजुकेशन प्रोग्राम (ITEP) को भी बढ़ावा दे रहा है। इसमें छात्र ग्रेजुएशन के साथ-साथ शिक्षक प्रशिक्षण भी साथ करेंगे। यह कोर्स 2025-26 से देश के कई विश्वविद्यालयों में शुरू होगा और इसमें प्रवेश भी NTA की परीक्षा से होगा।
शिक्षा में क्रांति की ओर एक कदम
NCTE का यह कदम शिक्षा व्यवस्था में एक बड़ी क्रांति के तौर पर देखा जा रहा है। इससे बेहतर शिक्षक तैयार होंगे और शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार होगा। साथ ही यह बदलाव राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के उद्देश्यों को भी पूरा करेगा।